World Mental Health Day 2025: हर साल 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है. क्योंकि आज कल की हर किसी की पर्सनल औक प्रोफेशनल लाइफ में कई ऐसी दिक्कतें हैं जो स्ट्रेस का कारण बनती हैं. सिर्फ यंगस्ट ही नहीं बल्कि बच्चे भी मेंटली कमजोर होते जा रहे हैं, इसकी सबसे बड़ी वजह है आज कल की दिखावे की जिदंगी.
पढ़ाई से लेकर पर्सनालिटी को लेकर बच्चे भी मानसिक तनाव, चिंता और मेंटल प्रेशर से जूझ रहे हैं. यही वजह है कि आज कल कुछ बच्चे अपनी उम्र के साथ शांत और चिड़चिड़े होते जा रहे हैं. ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी बनती हैं कि उनकी लाइफस्टाइल में कुछ ऐसे बदलाव करें जिससे वो मेंटली स्ट्रॉन्ग हो सकें और स्ट्रेस से भी दूर रहें. चलिए आज आपको वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे पर बताते हैं कि किन आदतों को अपनाकर बच्चे स्ट्रेस से दूर रह सकते हैं.
फिलिंग को शेयर करना सिखाएं
जब आप कुछ बातों को दिल में भी दबा कर रखते हैं तो वो दिमाग पर सवार हो जाती हैं और स्ट्रेस का कारण बनती हैं. ऐसे में बचपन में ही अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की आदत डालना जरूरी है. अपने बच्चे को भी भावनाएं साझा करने की आदत डलवाएं. रोजाना उनसे पूछें कि स्कूल कैसा रहा? आज स्कूल में क्या हुआ? या फिर उनके मूड कैसा है? इससे बच्चे अपने दिल की बात आपसे शेयर कर हल्का महसूस करेंगे.
जल्दी सोने की आदत डालें
आज कल सोशल मीडिया की वजह से बच्चे भी रात को देर रात तक मोबाइल में लगे रहते हैं, जिससे उनकी नींद पूरी नहीं होती और इसका सीधा असर दिमाग पर पड़ता है. अगर लंबे समय तक बच्चे की नींद पूरी न हो तो वो स्ट्रेस की भी बड़ी वजह है. ऐसे में बच्चे को रोजाना एक ही टाइम पर सोने की आदत डालें. इससे नींद भी पूरी होगी और रात को ओवरथिंग करने से भी बच्चा बचेगा.
किसी दूसरे से तुलना न करें
अक्सर मां-बाप अपने बच्चे की तुलना दूसरे बच्चे से करने लगते हैं. इससे बच्चे में आत्मविश्वास की तो कमी होती ही है. साथ ही वो मानसिक तौर पर दबाव भी महसूस करने लगता है, जो स्ट्रेस का सबसे बड़ा कारण है. कभी भी अपने बच्चे की तुलना किसी दूसरे से न करें बल्कि उसे अच्छा बनने की सीख दें.
मेडिटेशन की आदत डालें
स्ट्रेस को दूर करने के लिए मेडिटेशन सबसे बढ़िया उपाय है. बच्चे में ये आदत डालना बहुत जरूरी है. शुरू-शुरू उन्हें खेल के तौर पर मेडिटेशन करवाएं. कुछ समय बाद ये उनकी डेली रूटीन का हिस्सा बन जाएगा. इससे मूड भी फ्रेश रहेगा और स्ट्रेस भी दूर होगा.
दूसरों को प्यार और सम्मान करना सिखाएं
बच्चे में जलन की भावना स्ट्रेस का कारण बन सकती है. ऐसे में उसे सिखाएं की दूसरों से कभी जलना नहीं है बल्कि उन्हें प्यार और सम्मान देना है. ये आदत हमेशा उनके काम आएगी और बड़े तक उन्हें स्ट्रेस से दूर रखेगी.