भारत में पान बहुत पुराने समय से रीति-रिवाजों का हिस्सा रहा है. इसे बहुत पवित्र माना जाता है, इसलिए पूजा-अनुष्ठान में पान का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी इसका जिक्र मिलता है. आज भी लोग पान खिलाकर मेहमानों का स्वागत करते हैं. माउथ फ्रेशनर के रूप में खाया जाने वाला पान पोषक तत्वों का भी खजाना होता है, इसलिए ये कई हेल्थ प्रॉब्लम में राहत दिलाने में कारगर होता है. दादी-नानी पान के पत्तों का इस्तेमाल देसी नुस्खों में करती आ रही हैं. बच्चों के डाइजेशन को सही रखने से लेकर उनको सर्दी-जुकाम से राहत के लिए भी पान के पत्ते की रेमेडी बनाकर दी जाती है, इसलिए घर में पान उगा सकते हैं और जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.

अगर आप रेगुलर पान खाना पसंद करते हैं तो घर में पान का पौधा लगाना आपके लिए काफी सही रहेगा. इसके अलावा कई गुणों से भरपूर होने की वजह से पान सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. फिलहाल जान लेते हैं कि कैसे आप अपने घर में पान का पौधा लगा सकते हैं और इसकी देखभाल के आसान तरीके.

न्यूट्रिएंट्स से भरपूर है पान

साइंस डायरेक्ट के मुताबिक, पान में विटामिन सी, बी1, बी2, फाइबर, आयरन, कैल्शियम, जैसे पोषक तत्वों समेत नेचुरल केमिकल कंपोजिशन यूजेनॉल, हाइड्रॉक्सी चेविकोल, मिथाइल युजेनॉल, चाविबेटोल, कैरियोफिलीन,,सफ्रोल, एस्ट्रागोल, एनेथोल भी होते हैं, इसलिए ये आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद रहता है.

पान के हैं कई फायदे

पान के पत्तों में सूजन रोधी, रोगाणुरोधी, एंटी फंगल गुण होते हैं, इसलिए ये संक्रमण और सूजन से बचाने में हेल्पफुल रहता है. पबमेड में दी गई जानकारी के मुताबिक, पान के पत्तों को अगर बिना, तंबाकू आदि के खाया जाए तो ये काफी फायदेमंद होता है. इसमें कैंसर रोधी गुण भी देखे गए हैं. जयपुर की आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ किरण गुप्ता कहती हैं कि पान में कैल्शियम, आयरन अच्छी मात्रा में होने के साथ ही कई और एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते है. पान को उबालकर इसका पानी पीने से यूरिक एसिड कम होता है, क्योंकि ये टॉक्सिन बाहर निकालने में हेल्पफुल है. इसके अलावा ये डाइजेशन को सुधारने, कफ दोष दूर करने में भी सहायक रहता है.

रोपाई के लिए कटिंग तैयार करें

पान का पौधा अगर आप दूसरे पौधे से लगा रहे हैं तो एक पत्ता छोड़कर बाकी सारे पत्ते हटा दें. तने को गांठ वाले हिस्से से तोड़ना है. अब बोतल में पानी भरें या फिर किसी छोटे कप में पानी डालकर ये तना उसमें डुबोकर रख दें. तीन से चार दिनों में पानी चेंज करते रहें. कम से कम 15 दिन में तने में से जड़ निकलने लगेंगी.

पौधे के लिए गमला तैयार करें

पान का पौधा अगर जमीन में लगाना है तो उस जगह को साफ कर लें. खरपतवार कंकड़ हटा दें. अगर आपको पौधा गमले में लगाना है तो गहरा और चौड़ा कंटेनर लेना सही रहेगा, जिससे पानी की निकासी सही से होती रहे. मिट्टी को तैयार करने के लिए कंकड़ हटा दें. इसमें कोकोपीट और खाद मिला कर गमले में डालकर हल्का नम कर दीजिए. एक क्लाइंब नेट या फिर क्लिप्स भी ले लें, इसकी जरूरत पौधा ग्रो होने पर पड़ती है, क्योंकि पान का पौधा बेल में बढ़ता है.

कैसे लगाएं पान का पौधा?

पान के पौधे की जड़ निकल आने के बाद इसे तैयार की गई मिट्टी में दो इंच गहरे गड्ढे में रोप दें और थोड़ा सा पानी डालें. शुरुआत में पौधे को बहुत ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है, लेकिन गमला पूरी तरह से सूखना नहीं चाहिए. इसके पीछे की तरफ क्लाइम्ब नेट या फिर क्लिप्स लगा दें ताकि जब पौधा ऊपर की तरफ बढ़े तो इसे सपोर्ट मिलता रहे. अब जान लें देखभाल के तरीके

पौधे की ऐसे करें देखभाल

  • पान के पौधे को बहुत ज्यादा धूप की जरूरत नहीं होती है, इसलिए इसे ऐसी जगह पर रखें जहां पर आंशिक प्रकाश आता हो, यानी सीधी धूप न पड़े.
  • पान के पौधे की जड़ में पानी देने के साथ ही शॉवर भी करना चाहिए, इससे ये ज्यादा हरा भरा रहेगा.
  • पान के पौधे को नियमित रूप से पानी देते रहें, लेकिन ध्यान रखें की मिट्टी सूखनी भी नहीं चाहिए और इसमें पानी का जमाव भी न हो.
  • पान के पौधे को समय-समय पर खाद देते रहना बहुत जरूरी होता है. हमेशा इसमें ऑर्गेनिक खाद का ही इस्तेमाल करें.
  • पान के पौधे पर कीड़ा लगने पर पत्तियों पर काले और भूरे धब्बे बनने लगते हैं. इससे बचाव के लिए नीम के तेल का छिड़काव करते रहें.

By Bobby

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